रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
88 मिनट की बंद-कमरे बैठक: पीएम मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी में उच्च-स्तरीय विमर्श
सूचना आयोग और सतर्कता आयोग में नियुक्तियों के लिए शीर्ष नेतृत्व ने की विस्तृत चर्चा; विपक्ष ने जताई असहमति
नई दिल्ली। देश के शीर्ष संवैधानिक नियुक्तियों को लेकर बुधवार को संसद भवन स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में एक महत्वपूर्ण और गोपनीय बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी शामिल हुए। यह बैठक लगभग 88 मिनट तक चली, जिसमें केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) में लंबित नियुक्तियों पर व्यापक चर्चा हुई।
सूत्रों के अनुसार, यह बैठक अत्यंत गंभीर वातावरण में संपन्न हुई, क्योंकि आयोगों में लम्बे समय से रिक्त पद पारदर्शिता, जवाबदेही और राजकीय कार्यप्रणाली की गति पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं।
बैठक का मुख्य एजेंडा: शीर्ष संवैधानिक पदों पर नियुक्ति
सरकारी सूत्रों के अनुसार, बैठक में निम्न प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई—
मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति
सूचना आयुक्तों के आठ रिक्त पदों को भरने पर विचार
सतर्कता आयुक्त के चयन पर वक्तव्य तैयार करना
इन आयोगों में पद लंबे समय से खाली पड़े हैं, जिसके चलते सामान्य जनों और विभिन्न संस्थाओं द्वारा दायर की गई अपीलों का निपटारा बाधित हो रहा है।
राहुल गांधी ने दर्ज कराई असहमति
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान प्रस्तावित सूची पर नेता विपक्ष राहुल गांधी ने आपत्ति जताई। उन्होंने चयन-प्रक्रिया को लेकर अपनी असहमति दर्ज कराते हुए एक औपचारिक विरोध-पत्र (dissent note) प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपा।
राहुल गांधी का कहना था कि चयन-प्रक्रिया में निष्पक्षता, पारदर्शिता और विपक्ष की भूमिका को अपेक्षित महत्व नहीं प्रदान किया गया है।
मीटिंग की विशेषताएँ
बैठक दोपहर 1 बजे के आसपास प्रधानमंत्री कार्यालय के भीतर विशेष कक्ष में आरंभ हुई।
तीनों नेताओं के बीच पिछले कई वर्षों में यह सबसे लंबी औपचारिक बैठक मानी जा रही है।
बैठक पूरी तरह बंद-दरवाज़ा रही और किसी भी प्रकार की आधिकारिक जानकारी प्रेस को उपलब्ध नहीं कराई गई।
हालाँकि, बैठक के बाद नियुक्तियों पर अंतिम निर्णय की घोषणा शीघ्र ही किए जाने की संभावना है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह बैठक?
RTI मामलों का भारी बोझ — कई हजार अपीलें लंबित
CIC में रिक्त पदों की अधिक संख्या
CVC की जिम्मेदारियों के मद्देनज़र नियुक्ति अत्यंत आवश्यक
नागरिकों, मीडिया, और जवाबदेही से जुड़े संगठनों की निगाहें इस बैठक से निकलने वाले फैसलों पर टिकीं
आगे की प्रक्रिया
सरकार जल्द ही चयन समिति की सिफारिशें सार्वजनिक कर सकती है। यह भी तय माना जा रहा है कि विपक्ष द्वारा दर्ज असहमति को अंतिम चयन-निर्णय में शामिल किया जाएगा या नहीं, इस पर भी राजनीतिक हलकों में गहन चर्चा है।
नियुक्तियों के औपचारिक आदेश जारी होने तक पूरे देश की निगाहें प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर टिकी रहेंगी।
