स्वस्थ जीवन और उसके आधार भाग -3

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दिनेश शर्मा वरिष्ठ संवाददाता / जनवाणी न्यूज़ 


स्वस्थ जीवन और उसके आधार (भाग -३)

स्वस्थ जीवन और उसके आधार नामक श्रृंखला के भाग 2 में हमने चर्चा की शारीरिक व्यायाम पर,  अब हम चर्चा करेंगे एक और महत्वपूर्ण बिंदु जिसका शीर्षक है।

मानसिक व्यायाम एवं जीवन के प्रति दृष्टिकोण

सबसे पहले सवाल उठता है कि मानसिक स्वास्थ्य क्या है, मानसिक स्वास्थ्य में हमारी भावनात्मक ,मनोवैज्ञानिक और सामाजिक भलाई शामिल है। यह हमारे सोचने ,कार्य करने और महसूस करने के तरीके को प्रभावित करता है। यह ये निर्धारित करने में हमारी मदद करता है कि हम तनाव को कैसे संभालते हैं ,दूसरों से संबंध कैसे बनाते हैं और स्वस्थ विकल्प को कैसे चुनते हैं। मानसिक स्वास्थ्य हमें कई जानलेवा बीमारियों से भी बचाता है जैसे अवसाद, हृदय रोग,मधुमेह और ब्रेन स्ट्रोक आदि। अब हम क्रमवार चर्चा करेंगे कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए हमें कौन से व्यायाम और जीवन के प्रति किस तरह का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

१) नींद – पर्याप्त नींद के बिना ध्यान केंद्रित करना और नई जानकारी ग्रहण करना बहुत मुश्किल है क्योंकि आपके मस्तिष्क के पास इतना समय ही नहीं होता कि वह आपकी यादों को संग्रहित कर सके और नई जानकारी के लिए आपका मस्तिष्क तैयार ही नहीं होता।  अच्छी नींद के लिए, सोने से पहले, हाथ पैर को ठन्डे पानी से धोना चाहिए, ढीले कपड़े पहनने चाहिए और साफ और आरामदायक बिस्तर का इस्तेमाल करना चाहिए। सोने से एक घंटा पहले तक टेलीविजन, लैपटॉप और मोबाइल का प्रयोग न करें।

२) मुस्कुराइए और खुश रहिये – एक मुस्कुराहट, आपको हजार विषम परिस्थितियों से निकाल सकती है, मुस्कुराहट सामने वाले के तनाव और क्रोध कम करती है, एक खुशनुमा माहौल को पैदा करती है। इस से आपके मस्तिष्क को सुकून प्राप्त होगा। आप जिस परिस्थिति में भी हैं, खुश रहना सीखें। खुश रहने के लिए साधन की नहीं, आपके पोजिटिव रवैये की जरूरत है, ज्यादातर वही लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं जिन्हें हर साधन प्राप्त है। आप खुश तो आपका मस्तिष्क भी खुश।

३) स्वयं को लाड़ करें – अगर आप अपना ही ख्याल नहीं रख सकते तो अपने परिवार और समाज का ख्याल कैसे रखेंगे। इस से आपके अन्दर आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, तनाव दूर होगा, और आपकी कार्यक्षमता बढ़ेगी। आपका मस्तिष्क तरोताजा महसूस करेगा। इसके लिए आप खुद को पसंदीदा उपहार दें और पसंदीदा कार्य करने का मौका दें। छोटी छोटी बातों पर खुश हों और उनका जश्न मनाये।

४) परिवार और प्रियजनों का ख्याल रखें – जिन लोगों से आप घिरे हुए हैं उनका ख्याल रखें, क्योंकि अगर वो खुश नहीं हैं तो आपका खुश होना बहुत मुश्किल है। अपने प्रियजनों से अच्छा व्यवहार करें, उनकी जरूरतो का ख्याल रखें, मौका मिलते ही उनकी प्रशंसा करें और कभी-कभी उन्हें उपहार भी दें। इस से आपके चारों तरफ एक पोजिटिव माहौल बन जाएगा, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए उत्तम स्थिति है।

५) काम को न टालें – घर, कार्यस्थल या समाज के किसी भी कार्य को न टालें । कार्य को लगातार टालना, हमेशा तनाव का कारण बनता है, और तनाव मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक है।

६) परोपकार – परोपकार की आदत ज़रूर डालें । परोपकार करने से जो आन्तरिक खुशी मिलती है, उसका तो वर्णन करना भी मुश्किल है। यही आन्तरिक खुशी ही हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए संजीवनी का कार्य करती है।

७) ध्यान – ध्यान करना, हमारे स्वास्थ्य के लिए उतना ही जरूरी है जितना कि शरीर के लिए व्यायाम करना। ध्यान करने के कई चरण हैं। आप गहरी सांस लेने से शुरूआत कर सकते हैं। इसके बाद प्रगतिशील मानसपेशी व्यायाम, बोड़ी स्कैन व्यायाम , विजुअलाइजेशन और माइंडफुलनेस मेडिटेशन आदि का प्रयोग कर सकते हैं।

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