स्वस्थ जीवन और उसके आधार (भाग -२)

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  • स्वस्थ जीवन और उसके आधार (भाग -२)
    जैसा की प्रथम भाग में कल बताया गया कि स्वस्थ जीवन के आधार के चार महत्वपूर्ण बिंदु है,कल पहले महत्वपूर्ण बिंदु खानपान पर चर्चा हुई ,आज हम दूसरे बिंदु ,शारीरिक व्यायाम पर चर्चा करेगें।
    २) शारीरिक व्यायाम
    प्रबुद्ध पाठकों, स्वस्थ जीवन के लिए व्यायाम अति महत्वपूर्ण है, लेकिन व्यस्त जीवन में किस प्रकार और कितना व्यायाम किया जाए, इस पर चर्चा करेगें। हम तीन प्रकार के व्यायाम पर और व्यस्त दिनचर्या में कैसे शारीरिक क्रिया करें , इस पर चर्चा करेगें। WHO के अनुसार बालपन और किशोरावस्था में कम से कम ६० मिनट और प्रोढावसथा में कम से कम ४५ मिनट व्यायाम प्रतिदिन जरूरी है।  शारीरिक व्यायाम को हम तीन श्रेणियों में बांटेंगे,,,,योग, भागदौड़ और कसरत… व्यायाम से हमें अधिकतर बीमारियों से जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, डिप्रेशन ,ह्रदय रोग, कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव होता है। नींद अच्छी आती है और हड्डियां मजबूत होती हैं।१) योग – योग शारीरिक व्यायाम की सबसे उच्च श्रेणी है। भारतीय आयुर्वेद में शरीर के लचीलेपन को स्वास्थ्य में सबसे उत्तम माना गया है। योग करने से शरीर में लचीलापन आता है, शरीर की सभी नसों का प्रवाह सामान्य हो जाता है। इस से शरीर में फुर्तीलापन आता है और शरीर छरहरा हो जाता है। सूर्य नमस्कार कई योगासन का मिश्रण है एवम् अत्यंत लाभकारी है। अन्य योगासन में ताड़ासन, शीर्षासन, सर्वांगासन, नौकासन, भुजंगासन आदि भी बहुत लाभकारी हैं।

२) भागदौड़ – भागदौड़ वाले व्यायाम पुरातन काल से ही हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। इस प्रकार के व्यायाम में सबसे अधिक जोर दौड़ने पर दिया जाता है, इसमें विभिन्न प्रकार की दौड़ के अलावा, लम्बी कूद, ऊंची कूद आदि को भी शामिल किया जाता है। दौड़ने वाले खेल, जैसे हाकी, फुटबॉल, बास्केटबॉल आदि भी इसी व्यायाम की श्रेणी में आते हैं। इस प्रकार के व्यायाम से स्टेमिना बढता है और व्यक्ति को लगातार श्रम करना आसान होता है। इसमें खूब पसीना निकलने से शरीर से हानिकारक रसायन भी निकल जाते हैं।

३) कसरत – इस प्रकार के व्यायाम शरीर को बडा और बलशाली बनाने के लिए किए जाते हैं। इसमें जोर आजमाइश, कुश्ती, कबड्डी, वज़न उठाना आदि शामिल हैं।इस प्रकार के व्यायाम से हड्डियां मजबूत होती हैं और शरीर में ताकत का संचार होता है।

४) व्यस्त दिनचर्या में व्यायाम – आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में समय का बहुत अभाव है, तो व्यायाम कैसे हो। बडा कठिन प्रश्न है लेकिन इसका भी ईलाज है। जैसे सुबह सभी घरों में दूध आता है, तो दूध लेने के लिए पैदल ही निकल जाएं। आसपास के कामों के लिए वाहन का प्रयोग न करें, पैदल ही जाएं। कार्यस्थल पर लिफ्ट का प्रयोग न करें, सीढ़ियों का प्रयोग करें। कार्यस्थल पर ज्यादा देर तक न बैठें, बीच-बीच में इधर-उधर चक्कर लगा लें और थोड़ी थोड़ी देर खड़े खड़े ही काम कर सकते हैं। घर आकर छोटे बच्चों के साथ खेलने की आदत डालें।

क्रमशः

 

 

 

स्वस्थ जीवन और उसके आधार (भाग -२)
जैसा की प्रथम भाग में कल बताया गया कि स्वस्थ जीवन के आधार के चार महत्वपूर्ण बिंदु है,कल पहले महत्वपूर्ण बिंदु खानपान पर चर्चा हुई ,आज हम दूसरे बिंदु ,शारीरिक व्यायाम पर चर्चा करेगें।
२) शारीरिक व्यायाम
प्रबुद्ध पाठकों, स्वस्थ जीवन के लिए व्यायाम अति महत्वपूर्ण है, लेकिन व्यस्त जीवन में किस प्रकार और कितना व्यायाम किया जाए, इस पर चर्चा करेगें। हम तीन प्रकार के व्यायाम पर और व्यस्त दिनचर्या में कैसे शारीरिक क्रिया करें , इस पर चर्चा करेगें। WHO के अनुसार बालपन और किशोरावस्था में कम से कम ६० मिनट और प्रोढावसथा में कम से कम ४५ मिनट व्यायाम प्रतिदिन जरूरी है।  शारीरिक व्यायाम को हम तीन श्रेणियों में बांटेंगे,,,,योग, भागदौड़ और कसरत… व्यायाम से हमें अधिकतर बीमारियों से जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, डिप्रेशन ,ह्रदय रोग, कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव होता है। नींद अच्छी आती है और हड्डियां मजबूत होती हैं।

१) योग – योग शारीरिक व्यायाम की सबसे उच्च श्रेणी है। भारतीय आयुर्वेद में शरीर के लचीलेपन को स्वास्थ्य में सबसे उत्तम माना गया है। योग करने से शरीर में लचीलापन आता है, शरीर की सभी नसों का प्रवाह सामान्य हो जाता है। इस से शरीर में फुर्तीलापन आता है और शरीर छरहरा हो जाता है। सूर्य नमस्कार कई योगासन का मिश्रण है एवम् अत्यंत लाभकारी है। अन्य योगासन में ताड़ासन, शीर्षासन, सर्वांगासन, नौकासन, भुजंगासन आदि भी बहुत लाभकारी हैं।

२) भागदौड़ – भागदौड़ वाले व्यायाम पुरातन काल से ही हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। इस प्रकार के व्यायाम में सबसे अधिक जोर दौड़ने पर दिया जाता है, इसमें विभिन्न प्रकार की दौड़ के अलावा, लम्बी कूद, ऊंची कूद आदि को भी शामिल किया जाता है। दौड़ने वाले खेल, जैसे हाकी, फुटबॉल, बास्केटबॉल आदि भी इसी व्यायाम की श्रेणी में आते हैं। इस प्रकार के व्यायाम से स्टेमिना बढता है और व्यक्ति को लगातार श्रम करना आसान होता है। इसमें खूब पसीना निकलने से शरीर से हानिकारक रसायन भी निकल जाते हैं।

३) कसरत – इस प्रकार के व्यायाम शरीर को बडा और बलशाली बनाने के लिए किए जाते हैं। इसमें जोर आजमाइश, कुश्ती, कबड्डी, वज़न उठाना आदि शामिल हैं।इस प्रकार के व्यायाम से हड्डियां मजबूत होती हैं और शरीर में ताकत का संचार होता है।

४) व्यस्त दिनचर्या में व्यायाम – आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में समय का बहुत अभाव है, तो व्यायाम कैसे हो। बडा कठिन प्रश्न है लेकिन इसका भी ईलाज है। जैसे सुबह सभी घरों में दूध आता है, तो दूध लेने के लिए पैदल ही निकल जाएं। आसपास के कामों के लिए वाहन का प्रयोग न करें, पैदल ही जाएं। कार्यस्थल पर लिफ्ट का प्रयोग न करें, सीढ़ियों का प्रयोग करें। कार्यस्थल पर ज्यादा देर तक न बैठें, बीच-बीच में इधर-उधर चक्कर लगा लें और थोड़ी थोड़ी देर खड़े खड़े ही काम कर सकते हैं। घर आकर छोटे बच्चों के साथ खेलने की आदत डालें।

क्रमशः

 

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                      लेखक दिनेश शर्मा वरिष्ठ संवाददाता 

    स्वस्थ जीवन और उसके आधार (भाग -२)
    जैसा की प्रथम भाग में कल बताया गया कि स्वस्थ जीवन के आधार के चार महत्वपूर्ण बिंदु है,कल पहले महत्वपूर्ण बिंदु खानपान पर चर्चा हुई ,आज हम दूसरे बिंदु ,शारीरिक व्यायाम पर चर्चा करेगें।
    २) शारीरिक व्यायाम
    प्रबुद्ध पाठकों, स्वस्थ जीवन के लिए व्यायाम अति महत्वपूर्ण है, लेकिन व्यस्त जीवन में किस प्रकार और कितना व्यायाम किया जाए, इस पर चर्चा करेगें। हम तीन प्रकार के व्यायाम पर और व्यस्त दिनचर्या में कैसे शारीरिक क्रिया करें , इस पर चर्चा करेगें। WHO के अनुसार बालपन और किशोरावस्था में कम से कम ६० मिनट और प्रोढावसथा में कम से कम ४५ मिनट व्यायाम प्रतिदिन जरूरी है।  शारीरिक व्यायाम को हम तीन श्रेणियों में बांटेंगे,,,,योग, भागदौड़ और कसरत… व्यायाम से हमें अधिकतर बीमारियों से जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, डिप्रेशन ,ह्रदय रोग, कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव होता है। नींद अच्छी आती है और हड्डियां मजबूत होती हैं।

१) योग – योग शारीरिक व्यायाम की सबसे उच्च श्रेणी है। भारतीय आयुर्वेद में शरीर के लचीलेपन को स्वास्थ्य में सबसे उत्तम माना गया है। योग करने से शरीर में लचीलापन आता है, शरीर की सभी नसों का प्रवाह सामान्य हो जाता है। इस से शरीर में फुर्तीलापन आता है और शरीर छरहरा हो जाता है। सूर्य नमस्कार कई योगासन का मिश्रण है एवम् अत्यंत लाभकारी है। अन्य योगासन में ताड़ासन, शीर्षासन, सर्वांगासन, नौकासन, भुजंगासन आदि भी बहुत लाभकारी हैं।

२) भागदौड़ – भागदौड़ वाले व्यायाम पुरातन काल से ही हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। इस प्रकार के व्यायाम में सबसे अधिक जोर दौड़ने पर दिया जाता है, इसमें विभिन्न प्रकार की दौड़ के अलावा, लम्बी कूद, ऊंची कूद आदि को भी शामिल किया जाता है। दौड़ने वाले खेल, जैसे हाकी, फुटबॉल, बास्केटबॉल आदि भी इसी व्यायाम की श्रेणी में आते हैं। इस प्रकार के व्यायाम से स्टेमिना बढता है और व्यक्ति को लगातार श्रम करना आसान होता है। इसमें खूब पसीना निकलने से शरीर से हानिकारक रसायन भी निकल जाते हैं।

३) कसरत – इस प्रकार के व्यायाम शरीर को बडा और बलशाली बनाने के लिए किए जाते हैं। इसमें जोर आजमाइश, कुश्ती, कबड्डी, वज़न उठाना आदि शामिल हैं।इस प्रकार के व्यायाम से हड्डियां मजबूत होती हैं और शरीर में ताकत का संचार होता है।

४) व्यस्त दिनचर्या में व्यायाम – आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में समय का बहुत अभाव है, तो व्यायाम कैसे हो। बडा कठिन प्रश्न है लेकिन इसका भी ईलाज है। जैसे सुबह सभी घरों में दूध आता है, तो दूध लेने के लिए पैदल ही निकल जाएं। आसपास के कामों के लिए वाहन का प्रयोग न करें, पैदल ही जाएं। कार्यस्थल पर लिफ्ट का प्रयोग न करें, सीढ़ियों का प्रयोग करें। कार्यस्थल पर ज्यादा देर तक न बैठें, बीच-बीच में इधर-उधर चक्कर लगा लें और थोड़ी थोड़ी देर खड़े खड़े ही काम कर सकते हैं। घर आकर छोटे बच्चों के साथ खेलने की आदत डालें।

क्रमशः

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