शामली एनकाउंटर, बदमाशों की गोली लगने से इंस्पेक्टर का लीवर फटा हालत नाजुक :दो किमी पीछा किया, 40 मिनट में 50 राउंड फायरिंग: कग्गा गैंग से मुठभेड़ , चार चार बदमाश ढेर                                                   

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        अरशद                       मनजीत उर्फ ढिल्ला            सतीश                       शामली एनकाउंटर, बदमाशों की गोली लगने से इंस्पेक्टर का लीवर फटा हालत नाजुक :दो किमी पीछा किया, 40 मिनट में 50 राउंड फायरिंग: कग्गा गैंग से मुठभेड़ , चार बदमाश ढेर  पुलिस के मुताबिक एनकाउंटर का घटनाक्रम                                                                                                                                                                                                           रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक  /जन वाणी न्यूज़                                                                                                                           शामली। यूपी एसटीएफ ने सोमवार को  रात करीब 1:30 बजे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बने  4  कुख्यात बदमाशों को एनकाउंटर  में  ढ़ेर कर दिया। मारे गए बदमाशों में सबसे बड़ा नाम पश्चिम यूपी के कुख्यात कग्गा गैंग को ऑपरेट करने वाले अरशद का था।
एसटीएफ की टीम ने दो किमी तक बदमाशों की कार का पीछा किया। इस दौरान 50 राउंड फायरिंग हुई। एसटीएफ के जांबाज इंस्पेक्टर सुनील कुमार घायल हो गए। गोली लगने से उनका लीवर फट गया। यह है बड़े सवाल बदमाशों की लोकेशन पुलिस को कैसे मिली? घेराबंदी कैसे हुई? बदमाशों ने क्यों फायरिंग शुरू की?
दरअसल सोमवार की रात : 1.30 बजे यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार अपनी टीम के साथ चौसाना रोड पर घेराबंदी किए थे। उन्हें अरशद के इस क्षेत्र में होने की जानकारी मिली थी। एसटीएफ की टीम को रात करीब 1:30 बजे हरियाणा की तरफ से सफेद रंग की ब्रेजा कार आती दिखाई दी।
पुलिस टीम ने टार्च की रोशनी से गाड़ी रोकने का इशारा किया। पुलिस से करीब डेढ़ सौ डेढ़ सौ डेढ़ सौ मीटर पहले ड्राइवर ने गाड़ी रोक ली । जानकारी के मुताबिक गाड़ी में मौजूद अरशद ने ड्राइविंग सीट पर बैठे सतीश से कहा- पुलिस का घेरा है। जितनी जल्दी हो सके गाड़ी मोड़ो कर भगा लो। इसके बाद सतीश ने स्टेयरिंग घुमाकर गाड़ी चौसाना की तरफ दौड़ा दी।
अरशद और उसके साथी के गाड़ी देकर भागने लगे।
करीब 2 किलोमीटर तक पुलिस ने बदमाशों की गाड़ी का पीछा किया। बदमाशों की गाड़ी आगे पुलिस की उनके पीछे-पीछे थी। करीब 2 किलोमीटर तक पुलिस बदमाशों का पीछा करती रही। उदपुर भट्‌टे के पास तक बदमाश गाड़ी भागते हुए यहां तक पहुंचे। इसके आगे रास्ता आगे बंद मिला। और बदमाशों को गाड़ी रोकनी पड़ी।
गाड़ी रुकने के बावजूद भी अरशद के साथ कार में मौजूद उसके साथी वह अरशद कार से बाहर नहीं निकले, वह अपने को पुलिस से घिरा देख अंदर ही बैठे रहे। जब तक वह कुछ समझ पाए तब तक एसटीएफ की गाड़ी भी पीछा करते हुए वहां पहुंच गई।
एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील वह अन्य पुलिसकर्मियों ने गाड़ी से उतरकर पोजीशन ले ली। एसटीएफ की टीम ने गाड़ी के साइड में खुद को छिपाया और बदमाशों की लोकेशन लेने लगे। इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने बदमाशों से हथियार छोड़कर बाहर आ जाने के लिए कहा। बदमाशों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                           इस दौरान कर में बैठे बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। कुछ गोलियां सुनील की गाड़ी पर आकर लगीं। एसटीएफ टीम ने भी आत्मरक्षार्थ बदमाशों की पर पर फायरिंग की। बदमाश इतने निपुण थे कि उनके द्वारा चलाई जा रही गोलियां पुलिस वालों के बिल्कुल नजदीक से निकल रही थीं। बदमाश और पुलिस के बीच हो रही गोलीबारी में दो गोली इंस्पेक्टर सुनील के पेट में आकर लग गई। जिससे वह लहूलुहान होकर गिर पड़े।
टीम लीडर को गोली लगने व जमीन पर गिर जाने के बाद
एसटीएफ टीम के जवानों ने तत्काल योजनाबद्ध तरीके से बदमाशों की घेराबंदी की। इसी बीच पुलिस टीम को अंधेरे में एक व्यक्ति ड्राइवर सीट से उतरकर पिस्टल से गोली चलाते हुए भागा। एसटीएफ टीम ने उस बदमाश को पीछे की तरफ से घेरा, ताकि वह भाग न सके।
40 मिनट बदमाशों में एसटीएफ टीम के बीच गोलीबारी होती रही। अचानक बदमाशों की और से गोली चलना बंद हो गईं। संतुष्ट हो जाने के बाद एसटीएफ की टीम ने माइक पर अनाउंसमेंट किए। मगर दूसरी ओर से कोई जवाब नहीं आया। पुलिस आढ़ लेकर बदमाशों कर की तरफ बढ़ने लगी। करीब जाकर देखा तो कार के अंदर 3 बदमाश लहूलुहान पड़े मिले। जांच करने पर पुलिस ने पाया कि उनकी सांसें थम चुकी हैं।
पुलिस टीम को कर में कारबाइन, पिस्टल, देसी तमंचे और असलहा बदमाशों के पास पड़े मिले
ड्राइविंग सीट छोड़ कर भागा बदमाश कुछ दूरी पर पड़ा था। पुलिस ने एनकाउंटर में मारे गए चारों बदमाशों की पहचान की। इनमें सहारनपुर निवासी अरशद, हरियाणा, करनाल निवासी मंजीत उर्फ ढिल्ला, सोनीपत निवासी सतीश और करनाल निवासी मनबीर थे। ड्राइविंग सीट छोड़कर भागा सतीश कुछ दूरी पर सड़क किनारे पड़ा मिला था। बदमाशों के एनकाउंटर में ढेर होने की जानकारी पुलिस टीम लखनऊ एसटीएफ मुख्यालय व डीजीपी को भेजी गई।
कार के अंदर से बदमाशों की डेडबॉडी निकाली गईं। सीटों में भी गोलियां धंसी हुई मिली । दूसरी ओर इंस्पेक्टर सुनील कुमार के पेट में 2 गोली लगी हुई थी। पुलिस टीम उन्हें तत्काल करनाल के अमृतधारा हॉस्पिटल में ले जाकर भर्ती कराया। खून अधिक बहाने से उनकी हालत बिगड़ रही लगातार बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टरों ने बताया कि गोली उनके लीवर में लगी है, इससे वह लिवर डैमेज हो गया है। डॉक्टर के रेफर करने पर पुलिस टीम उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल ले गई । जहां उनकी स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है डॉक्टरों के मुताबिक अगले 48 घंटे बेहद क्रिटिकल हैं।
अरशद के पास कारबाइन थी, एसटीएफ को इसका अंदाजा नहीं था। मौके पर कारबाइन की गोलियां मिलीं है।
पुलिस टीम द्वारा नहीं पहनी हुई थी बुलेट प्रूफ जैकेट
कुख्यात बदमाश अरशद पर एक लाख का इनाम था। एसटीएफ को उसकी काफी दिनों से तलाश थी। सोमवार को एसटीएफ को उसकी लोकेशन मिलने के बाद 10 पुलिसकर्मियों की टीम दो गाड़ियों में सवार होकर बदमाशों का पीछा कर रही थी। बदमाश के पास से कारबाइन व दो पिस्टल, दो तमंचे और एक देसी बंदूक मिली थी । बदमाशों के पास इतने हथियार होने का अंदाजा पुलिस को नहीं था। इस कारण पुलिसकर्मियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट भी नहीं पहनी हुई थी। यह कारण रहा कि बदमाशों द्वारा की गई अचानक फायरिंग करने से इंस्पेक्टर सुनील कुमार अपने आप को बचा नहीं पाए, उनके पेट में दो गोली लग गईं। कुख्यात बदमाश अरशद मुकीम काला के मारे जाने उसके गिरोह को संचालित करता था।
                                                       मनबीर

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  1. जांबाज इंस्पेक्टर शाहिद सुनील कुमार वीर सपूत को इनकी बहादुरी और कर्तव्य के प्रति अपने प्राण न्योछावर करने के लिए हमेशा एसटीएफ, यूपी पुलिस व उत्तर प्रदेश के निवासियों द्वारा याद किया जाएगा

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