विचित्र किंतु सत्य

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दिनेश शर्मा वरिष्ठ संवाददाता/जनवाणी न्यूज़

 

 

 

 

विचित्र किन्तु सत्य

क्या आप लोग जानते हैं कि अक्तूबर १५८२ में ४ तारीख के बाद सीधे १५ तारीख आ गई थी।
इसका कारण था, वसन्त विषुव (vernal equinox )जो कि २१ मार्च को होता है, वह धीरे धीरे खिसक कर १० मार्च पर पहुंच गया। अब आप लोग सोचेंगे कि यह खिसक कर १० मार्च पर कैसे पहुंच गया। तो इसका कारण है कि तब तक फरवरी में २८ दिन ही होते थे, अधिवर्ष (leap year) की कोई परम्परा नहीं थी, इसलिए हर वर्ष कैलेण्डर में एक चौथाई दिन का फर्क आ जाता था।
अब प्रश्न उठता है कि अगर वसन्त विषुव मार्च में पड़ता है तो कैलेण्डर में बदलाव अक्तूबर में क्यों किया गया, इसका कारण है कि उन दिनों में चर्च का फरमान चलता था और मुख्य पादरी ने गौर किया कि अक्तूबर में ईसाइयों का कोई भी महत्वपूर्ण त्योहार नहीं है तो उन्होंने फरमान जारी किया कि तारीख में बदलाव अक्तूबर माह में किया जाएगा। इसलिए सन् १५८२ ईस्वी में अक्तूबर माह में ४ तारीख के बाद सीधे १५ तारीख दर्ज की गई।

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