
भारतीय हॉकी टीम ने हमलावर खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया को हराकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। पूल बी के मैच में भारत ने पहले मिनट से दबदबा बनाए रखा जो अंत तक जारी रहा। ग्रुप बी से अब भारत ,ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और अर्जेंटीना क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की कर चुके है।
भारत ने पहली बार 1972 में ऑस्ट्रेलिया को पराजित किया था।
कप्तान हरमन द्वारा दो गोल दाग ने बल पर 3-2 से जीता भारत
पेरिस ओलिंपिक में भारत का लगातार शानदार प्रदर्शन जारी है।
पेरिस में भारतीय हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया। एस्ट्रो टर्फ (सिंथेटिक सतह) की हॉकी में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया को ओलंपिक में पराजित किया है। पेरिस में चल रहे ओलंपिक खेलों के सातवें दिन भारत ने ग्रुप स्टेज के अपने आखिरी मैच में ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से मात दे दी। इससे पहले 1972 में ओलंपिक में भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर जीत दर्ज की थी। उसके बाद से ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की यह पहली जीत है। ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस में इस तरह क्वार्टर फाइनल मुकाबले से पहले अपने इरादे जाता दिए हैं। भारतीय डिफेंस ने आखिरी पांच मिनट जबर्दस्त धैर्य का परिचय देते हुए, प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया के नामी स्ट्राइकरों को कोई मौका नहीं दिया। जिससे यह मुकाबला भारतीय हॉकी के सुनहरे इतिहास में दर्ज हो गया।
भारत ने शुरुआत से ही मैच में अपना दबदबा कायम रखा
भारत ने पहले क्वार्टर से ही मैच में अपना दबदबा बनाए रखा। 12वें मिनट में अभिषेक ने भारत के लिए पहला गोल दागा। इसके बाद आक्रमक रुख अपनाते हुए 13वें और 32 वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने स्कोर 3-0 पर ला दिया, ऑस्ट्रेलिया के क्रेग थॉमस (25 मिनट) व ब्लैक गोवर्स (55 मिनट) ने दो गोल जरूर किए, तब तक काफी देर हो चुकी थी। भारतीय टीम ने पूल चरण में तीन दर्ज की, एक मैच ड्रॉ और एक हार के साथ बेल्जियम के बाद दूसरे स्थान पर रही। अब भारतीय टीम का मुकाबला क्वार्टर फाइनल में पूल ए की तीसरे नंबर की टीम से होगा।
उम्दा खिलाड़ी श्रीजेश भारत के लिए दीवार साबित हुए
आखिरी बार भारत ने मेंस हॉकी में ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया को 1972 म्युनिख खेलों में पराजित था। इसके अलावा सिडनी ओलंपिक 2000 में भारत का ऑस्ट्रेलिया से 2-2 से ग्रुप मैच ड्रॉ रहा था।तोक्यो ओलंपिक 2021में ऑस्ट्रेलिया ने मग्रुप मैच में भारत पर 7-1 से जीत दर्ज की थी। तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता भारत के लिए जहां श्रीजेश ने दीवार काम किया। श्रीजेश ने अनेकों गोल होने से रोके। प्रत्येक मैच में गोल करते आये हरमनप्रीत ने भी अपने सिलसिले को जारी रखा। पहली बार ओलंपिक भाग ले रहे डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह व फॉरवर्ड अभिषेक ने विरोधीयों के व्यवहार से विचलित हुए बिना बगैर किसी दबाव के बेहतरीन हॉकी खेली।
इस जीत से भारत ने पूरा किया बदला
हॉकी टीम के बेहतरीन प्रदर्शन से भारतीय हॉकी प्रेमियों के उन जख्मों पर मरहम जरूर लगा होगा जो दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010 के फाइनल में 8-0 और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल फाइनल में 7-0 से मिली हार के बाद मिले थे।ओलंपिक में भारत ने इस मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 11 मैचों में से सिर्फ तीन (1960 रोम क्वार्टर फाइनल, 1964 तोक्यो सेमीफाइनल और 1972 म्युनिख ग्रुप मैच) ही जीते थे, इसके मुकाबले ऑस्ट्रेलिया ने छह मैच जीते और दो ड्रॉ खेले थे।