रविन्द्र बंसल वरिष्ठ संवाददाता / जन वाणी न्यूज़ बारिश बनी मुसीबत: बादल फटने के कारण उत्तराखंड में 11 लोगों की मौत, हिमाचल में 50 लापता, सरकार ने किया अलर्ट जारी। इन दिनों देश के कई राज्यों में भारी बारिश ने तबाही मचा रखी है। उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश में इतनी बारिश हुई कि लोगों की जान पर बन आई। जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हिमाचल में कई स्थानों पर बादल फटने से लोगों पर भारी मुसीबत बन आई । बादल फटने के कारण बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसमें 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। शिमला जिले के अंतर्गत आने वाला गांव समेज पूरी तरह तबाह हो गया। कहीं पुल तो कहीं मकान बह गए मदद के लिए भारतीय सेना की मांग की गई है। नई दिल्ली। पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात से गुरुवार तक लगातार जमकर हो रही बारिश। के कारण लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हिमाचल प्रदेश में सात स्थानों कुल्लू जिले के गांव मलाणा व निरमंड, शिमला जिले के गांव समेज व गानवी,मंडी जिले के गांव राजबन, किन्नौर जिले में सोलारिंग खड्ड व चंबा जिले के रूपणी में बादल फटने के कारण बाढ़ व भूस्खलन से भारी तबाही हुई 50 लोग लापता हो गए। इसमें शिमला जिले के समेज गांव के 33, कुल्लू जिले के मलाणा व निरमंड गांवों के 10 और मंडी जिले के अंतर्गत आने वाले राजबन गांव के सात लोग शामिल हैं। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने भारतीय सेना की मदद मांगी है। तीन टुकड़ियां जिनकी क्षमता 125 कर्मियों की है। इंजीनियर टास्क फोर्स, एक मेडिकल टीम जिसमें करीब 20 मेडिकल कर्मी शामिल है लोगों की सहायता में लगी है। उत्तराखंड में भी लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं 24 घंटे में लगभग 11 लोगों की मौत हो गई। शिमला जिले का समेज गांव बुधवार रात को करीब 12:15 बजे बादल फटने से पूरी तरह तबाह हो गया है। भारी सैलाब की चपेट में आने से गांव के सभी 27 घर बह गए। वहीं दूसरे राज्य के चार मजदूर, कंदराहड़ खुश्वा क्षेत्र से आठ लोग, एसेंट पावर प्रोजेक्ट के सात कर्मचारी और समेज गांव के 14 लोग बह गए। ये सभी लापता हैं। लापतओं में आठ स्कूली बच्चे भी हैं। गुरुवार को दो मानव अवशेष मिले हैं। शिमला जिले के गानवी गांव में बादल फटने से चार मकान व दो पुल बह गए। इन घरों में रहने वाले लोग सुरक्षित बताए गए हैं। यह लोग समय रहते बाहर निकल गए थे। मंडी जिले के अंतर्गत आने वाले राजबन गांव में बादल फटने से सात लोग लापता हो गए। तीन लोगों के शव बरामद हुए हैं । और दो लोग घायलावस्था में मिले है। आज भारी वर्षा की चेतावनी के चलते मंडी जिले के उपायुक्त ने सभी शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित किया है। कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी के मलाणा में बिजली परियोजना का बांध टूट गया। इसके कारण एक मंदिर व कुछ मकान बह गए। भूस्खलन से चंबा में15 वाहन मलवे में दब गए ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से राष्ट्रीय राजमार्ग चंडीगढ़-मनाली कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया। इस कारण इस मार्ग को बंद कर दिया गया है। पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण मणिकर्ण के शाट में सब्जी मंडी का भवन बह गया। चंबा जिले के रूपणी में बादल फटने से हुए भूस्खलन के कारण 15 वाहन दब गए। खेतों की फसलें बर्बाद हो गईं, और सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है। जहां-जहां बादल फटे, वहां प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। लापता लोगों की तलाश की जा रही है। वहीं मौसम विभाग ने प्रदेश में कई स्थानों पर भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिया हर संभव सहायता का आश्वासन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि बादल फटने की घटनाओं को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात कर उदारतापूर्वक सहयोग की मांग की है। शाह ने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री ने एनडीआरएफ की दो टीमें भेजने के लिए कहा है। वहीं एयरफोर्स को अलर्ट कर लोगों की मदद के लिए हर समय तैयार रहने को कहा गया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी फोन पर सीएम से बात कर प्रदेश में भारी बारिश एवं बादल फटने से उत्पन्न स्थिति के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री आज रामपुर क्षेत्र का दौरा करेंगे व प्रभावित परिवारों से मिलेंगे। उत्तराखंड की नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गई है। उत्तराखंड में नदी-नाले उफान पर हैं और अधिकांश नदियां खतरे के निशान के निकट बह रही हैं। केदारनाथ हाईवे और पैदल मार्ग ध्वस्त होने से केदारनाथ यात्रा स्थगित है। यात्रा मार्ग पर फंसे हुए 3,700 से अधिक तीर्थ यात्रियों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पुलिस ने सकुशल निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। इनमें से 700 तीर्थयात्रियों को हेलीकाप्टर से रेस्क्यू किया गया। इसके लिए वायुसेना के मालवाहक हेलीकाप्टर चिनूक एवं एमआइ-17 गौचर हेलीपैड पर पहुंच गए हैं। हरिद्वार व ऋषिकेश में यात्रा पंजीकरण बंद कर दिए गए हैं। रुद्रप्रयाग में मंदाकिनी नदी के उफान को देखते हुए सोनप्रयाग व गौरीकुंड में होटल-लाज खाली करवा दिए गए हैं। हरिद्वार व ऋषिकेश में यात्रा पंजीकरण बंद कर दिए गए। कई गांवों में लाइन टूटने के कारण बिजली और पानी की आपूर्ति ठप्प है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आपदा प्रभावित क्षेत्र पहुंचकर बचाव एवं राहत कार्यों का निरीक्षण किया। उत्तराखंड में एक दिन की बारिश बारिश ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बुधवार को मौसम के तल्ख मिजाज के चलते उत्तराखंड में रिकार्ड बारिश दर्ज की गई। 24 घंटे में बारिश ने 58 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया। बुधवार सुबह से गुरुवार सुबह तक करीब 24 घंटे में 175 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वर्ष 1966 में हुई 487 मिमी बारिश के बाद सर्वाधिक है। हरिद्वार में भी 40 वर्ष में एक दिन के में सर्वाधिक सबसे अधिक बारिश (242 मिमी) दर्ज की गई है। Uttarakhand and Himachal Pradesh