रविंद्र बसल वरिष्ठ सवाददाता/जनवाणी न्यूज़
गुरु पूर्णिमा पर विशेष
आज गुरु पूर्णिमा है और हरेक की जिंदगी मे माता पिता से बड़ा कोई नही है!
आइये प्रस्तुत है एक शानदार कहानी जिस पर एक लघु फिल्म भी बनी है-
कहते हैँ की पिता का प्रेम माँ से कम नही होता है बस फर्क है की पिता अपने प्रेम को दिखा नही पाते !
माँ की तड़पन आँशु के सहारे और खुशियों के इजहार मे दिख जाती है और पिता की हल्की मुस्कान सारी खुशियों को एक साथ समेट लेता है!
आज की कहानी सभी पिता को समर्पित है
दोस्तों सॉरी पापा नामक एक छोटी सी फिल्म है जिसमे एक नवदम्पति विवाह होकर आता है और एक दो साल की अच्छी जिंदगी जीने उपरांत पत्नी गर्भवती हो जाती है!
कुछ महीने वाद पति अपने पत्नी को लेकर हॉस्पिटल जाता है!
कुछ घंटे बाद एक नर्स एक बच्ची को लेकर पिता के पास आती है और उसके गोद मे बच्ची को देती है!
पति ने नर्स से पूछा की उसकी पत्नी कैसी है !
नर्स खामोशी के साथ उसके कुछ कपड़े और सामान हैंडओवर करती है और कहती है बच्चे को जन्म देते वक़्त उसकी मौत हो गयी!
बच्ची के पिता के अंदर एक तड़प सी आती है पर गोद मे पड़े मासूम के आँख खोलने से पहले उसकी माँ की मृत्यु पिता को तोड़ कर रख देता है!
दोस्तों पिता को कुछ दिनों बाद् पता चलता है की उसकी बेटी देख नही सकती है !
वो बहुत इलाज करवाता है! अपनी बेटी को बेहद प्यार करता है! बच्ची को माँ और पिता दोनो का प्यार पापा ही देते हैँ!
बच्ची जब बड़ी होती है तो पापा को कहती है पापा मै आपको देख नही पा रही हूं पर आवाज़ से समझ पा रही हूं की आप बुजुर्ग हो रहे हो!
मै समझ पा रही हूं की आप मेरे लिए बहुत चिंतित हो
पापा आपके बाद मेरा जीवन कैसा होगा
क्या ये संभव है की मुझे मेरे आने वाले भयावह भविष्य से बचाने के लिए मुझे मौत दे दो!*
दोस्तों कुछ दिनों बाद वो बच्ची जोर से खुश होते हुए चीखी पापा मै आपको देखना चाहती हूं!*
अब मै सब देख पा रही हूं!
मै कहाँ हूं पापा और ये कौन सा जगह है!.
नर्स ने कहा बेटा ये हॉस्पिटल है और वो व्हील चेयर पर आँखों मे पट्टी बांधे तुम्हारे पापा हैँ !
बेटा अब तुम देख सकती हो पर तुम्हारे पापा नही देख सकते है!
उन्होंने अपने दोनो आँख तुम्हे दान दे दिया है!
बेटी भाग के पापा के पास जाती है और विलख विलख के रोती है !
पापा ने अपने बच्ची के सर पर हाथ फेरा और कहा
बेटी तुम बहुत खुश हो
पर् तुम्हे खुश होते देख नही पा रहा हूं!
बेटी ने पिता के सीने पर अपना सर रखते हुए बोला
गलती हो गई पापा।
दोस्तों मै उस बच्चे को खुशनसीब समझता हूं जो मत पित के नजरों के सामने सफल हो जाते है!
बहुत ऐसे होते है जिनको सफलताएं अद्भुत मिलते हैं पर आशीर्वाद देने को माँ पिता नही होते है!
अपने माता पिता को बेपनाह मोहब्बत करो !