जनवाणी न्यूज़
अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ न्यूरोलॉजी (AAN) डॉक्टरों को 65 साल की उम्र से ज़्यादा के व्यक्तियों के कॉग्निटिव टेस्ट करने की सलाह देती है.
ज़िएद नस्रेडिन ने बीबीसी से कहा, “ऐसा करने की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ शारीरिक अक्षमता भी बढ़ती जाती है. ज़िएद चेतावनी देते हुए कहते हैं कि 75 साल की उम्र के बाद 25 फ़ीसदी रोगियों में किसी ना किसी तरह का संज्ञानात्मक विकार होगा.”
ज़िएद कहते हैं कि वो न कभी बाइडन से मिले हैं और न ही कभी उन्होंने उनका इलाज़ किया है, हालांकि वे कहते हैं कि यह बहुत आम है कि लोगों में संज्ञानात्मक विकार मौजूद होता है और कई बार उनको इसके बारे में पता भी नहीं चलता.
ज़िएद ने कहा कि उन्होंने पिछले साल बाइडन में कुछ बदलावों को नोटिस किया था. उनका कहना है, “सार्वजनिक जगहों पर बाइडन धीरे-धीरे चलते हैं और उनके भाषण भी धीमे हो गए हैं. उनकी आवाज़ काफ़ी धीमी हो गई है और वे अब वे कुछ शब्दों को बुदबुदा कर बोलते हैं.”
उन्होंने कहा कि बाइडन की उम्र में बहुत से लोगों के पास इतना ज़्यादा काम नहीं है और इस उम्र में किसी के लिए सामान्य काम करना भी मुश्किल होता है.
हालांकि ज़िएद यह भी कहते हैं कि उन्होंने बाइडन में यह बदलाव केवल पिछले साल ही देखा ने कि उससे पहले के सालों में.

अगर बाइडन को अल्ज़ाइमर हुआ तो क्या होगा?
अमेरिकी संविधान का 25वां संशोधन राष्ट्रपति की मृत्यु या फिर उसके अपने अधिकार और कर्तव्यों को ना निभा पाने की दशा में उत्तराधिकार की प्रक्रिया के बारे में बताता है.
लेकिन इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब राष्ट्रपति को पद से हटाना हो, या उनकी मृत्यु हो गई हो, या फिर उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया हो.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ़ कैनेडी की मृत्यु के बाद इस संशोधन की पुष्टि की गई है. लेकिन हालिया कुछ सालों में इस पर फिर से बहस शुरू हो गई है.
कांग्रेस के सांसदों ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल के दौरान इस संशोधन को बदलने के लिए एक क़ानून बनाने का विचार किया था. इसके पीछे मकसद था, विशेषज्ञों एक ऐसा पैनल बनाना जो राष्ट्रपति बनने के लिए मानक तय कर सके.
यूएस कैपिटल दंगों के बाद डेमोक्रेट सांसदों ने 2021 में सदन में एक प्रस्ताव को मंज़ूरी भी दी थी, जिसमें तत्कालीन उपराष्ट्रपति माइक पेंस को ट्रंप को पद से हटाने के लिए 25वें संशोधन को लागू करने के लिए कहा गया था.
हालांकि उस वक्त इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया था. लेकिन बाइडन और ट्रंप की पहली सार्वजनिक बहस के बाद रिपब्लिकन पार्टी के कुछ सदस्यों ने बाइडन के मंत्रिमंडल से इस खंड को लागू करने की अपील की है.