अपनी अंतिम सांस तक युवाओं को मार्गदर्शित करने वाले डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन कर्मठता एवं सादगी से भरा था

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रविंद्र बंसल वरिष्ठ संवाददाता /जन  वाणी न्यूज़                         नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति, वैज्ञानिक व भारत रत्न से सम्मानित डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम आज उनकी पुण्यतिथि है। डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा भी रामेश्वर में ही हुई। इसके बाद उन्होंने त्रिची के सेंट जोसेफ कॉलेज और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई की। भारत के 11वें राष्ट्रपति और वैज्ञानिक रहे एपीजे अब्दुल कलाम । अपनी अंतिम साँस तक युवाओं को मार्गदर्शित करने वाले डॉ. कलाम का जीवन कर्मठता, सादगी व संवेदनशीलता का अनूठा संगम था। ‘पीपल्स प्रेसिडेंट’ के नाम से प्रसिद्ध डॉ. कलाम ने विज्ञान से लेकर राजनीति तक, अपने कार्यों से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने यह बताया कि अपने हौसले और अथक मेहनत से किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। ‘मिसाइल मैन’ डॉ. कलाम के विचार आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।
बचपन अखबार बेचते थे कलाम, पायलट बनने की थी इच्छा, संघर्ष से बन गए राष्ट्रपति।
बचपन में रहा संघर्ष
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का बचपन संघर्ष से भरा उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और मां का नाम आशियम्मा था। उनका बचपन काफी संघर्षों में बीता और उन्हें आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए अखबार भी बांटना पड़ा।
डॉ कलाम ने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में भी काम किया। वह रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार रहे।
पायलट बनना चाहते थे कलाम
कलाम बचपन में पायलट बनना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। फिर वह वैज्ञानिक बने और 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे। विज्ञान में उनकी गहरी रुचि थी। वह हमेशा छात्रों को प्रेरित करते थे और बड़े सपने देखने के लिए कहते थे। डॉक्टर कलाम को 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

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